मंदिर और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करवाने की मांग हमारे देश में एक महत्वपूर्ण विषय है, जो सामाजिक, धार्मिक, और सांस्कृतिक स्वतंत्रता के संरक्षण को सजग रखता है।

मंदिर और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की आवश्यकता हमारे समाज के सांस्कृतिक एवं धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके माध्यम से हम अपनी संस्कृति को सजीव रख सकेंगे और धार्मिक समृद्धि को बढ़ावा दे सकेंगे।
सरकारी नियंत्रण के अधीन रहने से मंदिर और मठों की प्रबंधन क्षमता में समस्याएं आती हैं और उनकी अद्यतन और विकास को रोका जाता है। इससे धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन और संचालन में अवांछित हस्तक्षेप होता है, जो उनके संगठनात्मक और सामाजिक कार्यों को प्रभावित करता है।
इसलिए, हम यहाँ साझा कर रहे हैं कि मंदिर और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग को हम सभी गहरी समझना चाहिए और इसके लिए कदम उठाना चाहिए। धार्मिक स्थलों को समाज के समृद्धि और सामूहिक विकास के लिए स्वतंत्र और स्वायत्त बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।